पट्टा, भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका क्या होती है PATTA , BHUADHIKAR RINPUSTIKA ?
पट्टा, भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका क्या होती है PATTA , BHUADHIKAR RINPUSTIKA ?
जिस प्रकार से किसी व्यक्ति के किसी बैंक अकाउंट में पैसे के लेनदेन हेतु एवं उसके जमा एवं ब्याज का हिसाब रखने हेतु एक पुस्तिका होती है जिसे पासबुक कहते है ठीक उसी प्रकार पट्टा, भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका का कृषक के लिए वह आवश्यक दस्तावेज है जिसमे किसी विशेष हल्का में उस व्यक्ति के स्वामित्व की एक किताब होती है जिसमे उस हलके में धारित कुल भूमि का हिसाब एवं राजस्व लेनदेन का हिसाब होता है I
पट्टा (भूअधिकार एवं ऋणपुस्तिका ) में एक या कई किसानो का नाम एवं उनका उस भूमि में हिस्सा लिखा होता है एवं सम्बंधित किसान की फोटो लगी होती है I किसान की फोटो एवं रकबा तहसीलदार द्वारा प्रमाणित होना चाहिए तभी मान्य होती है I
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किसी भी भू-अधिकार एवं ऋण-पुस्तिका में मुख्यता निम्नलिखित बिंदु होते है -
सह्खातेदारो का विवरण
सहखातेदारो से मतलब है की किसी भी भूमि या प्रोपर्टी में एक से अधिक खातेदार भी हो सकते है जिनका अलग अलग हिस्सा होते है इन हिस्सेदारों को सहखातेदार कहते है पट्टा में इन सहखातेदारो का हिस्सा भी लिखा होता है जैसे 1/2 , 1/3, 1/4
भूअभिलेख
भूमि हस्तांतरण के विवरण
भूमि पर लिए गए ऋण का विवरण
भूमि पर लिए गए ऋण की वसूली का विवरण
भू-राजस्व का मतालबा वसूली
इसमें किसान के द्वारा भूमि का राजस्व देने के बाद प्रविष्टी होती है राजस्व कर्मचारी द्वारा हर साल जो भी लग्गन होता है उसे वसूल करने के बाद इसमें दर्ज कर हस्ताक्षर करते है
न्यायालयीन मामलो में जमानत के उपयोग के लिए
फसल बीमा के लिए
पट्टा का उपयोग फसल बीमा के लिए भी होता है अभी वर्तमान में प्रधानमंत्री फसल बीमा में प्रयोग होता है हर साल विभिन्न प्रकार की फसलो का उत्पादन किया जाता है जिनका बीमा किसानो द्वारा कराया जाता है
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किसी भी कृषक के लिए आवश्यक यह होता है की भूअभिलेख के भाग जहा उसके द्वारा धारित भूमि का रकबा दर्ज होता है जहा भूखंडो का नंबर जिसे खसरा नम्बर कहते है और प्रत्येक खसरा का रकबा एवं उसका लगान जैसे
इस ऋण पुस्तिका में कृषक द्वारा धारित भूमि का खसरा नम्बर 105 है एवं उसका रकबा 0.25 हेक्टेयर I
अब सवाल यह की यह PATTA पट्टा ( भू अधिकार एवं ऋण पुस्तिका )बनता कहा से है - जब किसी भी कृषक द्वारा कोई भूमि अपने पैत्रिक बटवारे , आपसी बटवारे ,वारसान नामांतरण , क्रय -विक्रय से प्राप्त होती है तो उसे यह पुस्तिका उसके तहसील कार्यालय से निर्धारित शासकीय शुल्क के बाद प्राप्त होती है I
इसके लिए तहसील के लोकसेवा केंद्र में आवेदन कर भी प्राप्त की जा सकती है I
Bahut accha🙏
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