New Property की Registry की सम्पूर्ण प्रक्रिया
New Property की Registry की सम्पूर्ण प्रक्रिया
जैसा की हम जानते है की जब भी हम कोई नई प्रोपर्टी जैसे मकान, प्लाट या खेती वाली जमीन खरीदते है तो हमें उसकी Registry करानी होती है जिससे हम उस प्रोपर्टी के लीगल हकदार हो जाये I New Property की Registry की सम्पूर्ण प्रक्रिया इस प्रकार से होती है -
प्रोपर्टी का Physical मौका निरीक्षण -सबसे पहले हम जिस प्रकार की प्रोपर्टी लेना चाहते है उसका चुनाव करते है और यह देखते है की क्या वह एक प्लाट है या खेती भूमि या मकान है - फिर उसका क्षेत्र देखते है अर्थात वह किस जगह स्थित है Rural / Urban या Municipal क्षेत्र है फिर उसके बाद विक्रेता के साथ उसका मौका निरीक्षण कर लेते है क्या वास्तव में हम जिस उद्देश्य के लिए खरीद रहे है , उसके लिए सही है या नहीं , ट्रांसपोर्ट या पानी या अन्य सुविधाए उपलध है या नहीं I पूर्व में उक्त प्रॉपर्टी का किसी प्रकार का कब्ज़ा सम्बन्धी विवाद तो नहीं है I
प्रोपर्टी सम्बन्धी दस्तावेजो का निरीक्षण -
प्रोपर्टी का Physical निरीक्षण करने के बाद आती है उस प्रॉपर्टी और उसके मालिक के दस्तावेज निरीक्षण करने का इसके लिए हम जिस लोकेलिटी या सर्किल या तहसील कार्यालय में प्रोपर्टी स्थित है वहा के राजस्व कर्मचारी जिसे Patwari कहते है , से विक्रेता के राजस्व सम्बन्धी दस्तावेजो में स्वामित्व की जानकारी लेनी चाहिए साथ ही भूमि में किसी भी प्रकार के शासन हित सम्बन्धी जानकारी एवं प्रोपर्टी के किसी भी प्रकार के बैंक में लोन या बंधक की जानकारी लेनी चाहिए I उक्त प्रोपर्टी पूर्व में किसी अन्य व्यक्ति को विक्रय तो नहीं कर दी गई है I सम्बंधित कर्मचारी को प्रोपर्टी स्थल में ले जाकर वास्तविकता की जानकारी लेनी चाहिए I आवश्यक हो तो पोपर्टी की स्थिति का प्रतिवेदन लेना चाहिए जिसमे उसकी चतुर्शीमा अर्थात पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण में स्थित प्रोपर्टी का उल्लेख करना चाहिए I
अगर प्रोपर्टी Nagar Panchayat या Municipal adhikar क्षेत्र की है तो देखे की वहा की पंजी में दर्ज है या नहीं एवं उसका स्वामी कौन है एवं किसी प्रकार के TAX , आपत्ती तो नहीं है या उस पर किसी प्रकार के Coloniser Act के तहत कोई प्रकरण तो नहीं है I
Service Provider से करे संपर्क -
प्रोपर्टी सम्बन्धी दस्तावेजो का निरीक्षण करने के बाद हम प्रोपर्टी क्षेत्र के Service Provider अर्थात सेवा प्रदाता से मिले ये Stamps And Registration विभाग के अधिकृत व्यक्ति होते है जो शासन की ओर से आपकी प्रोपर्टी की रजिस्ट्री ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से दर्ज करते है और आपकी Deed Type करते है और उपपंजीयक कार्यालय में पंजीयक या Registrar के सामने प्रस्तुत करते है I साथ ही प्रापर्टी सम्बन्धी दस्ता वेज जैसे खसरा, नक्शा, ऋण - पुस्तिका आदि सबन्धित न्यायालय से उपलब्ध करते है आप चाहे तो स्वं भी उपलब्ध करा सकते है I
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Deed लिखने की प्रक्रिया -
- सर्विस प्रोवाइडर Computerised Web Portal पर एक अनुबंध लिखते है जिसे Deed कहते है , जिसमे सम्बंधित प्रोपर्टी के विक्रेता एवं क्रेता की जानकारी , उस पर लगने वाले Stamp Duty जो Govt को पे करनी होती है का उल्लेख , संपत्ति या भूमि के स्वामित्व एवं किसी भी प्रकार के Govt Violation ना हो लिखते है , Complete Ownership Transfer होनी चाहिए प्रोपर्टी की चारो सीमाओ का उल्लेख करते है I
- प्रोपर्टी के लेन देन के गवाही के रूप में दो गवाहियो की आवश्यकता पड़ती है जिनके आधार कार्ड की भी आवश्यकता होती है , इन गवाही का नाम और पता Deed में लिखा जाता है I ताकि भविष्य में किसी प्रकार के प्रोपर्टी विवाद में इनकी गवाही न्यायलय में ली जा सके I
- प्रोपर्टी के Photograph लेकर Deed में लगाई जाती है I
- विक्रेता द्वारा इस आशय का सपथ पत्र दिया जाता है की मेरे द्वारा प्रोपर्टी की कीमत प्राप्त कर ली गई है साथ ही किस माध्यम से प्राप्त हुई जैसे चेक से या नगद जो भी है उसे लिखा जाता है I
- Deed लिखने के बाद जो भी स्टाम्प ड्यूटी एवं Registration charge होता है उसे ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से जमा किया जाता है एवं Sub Registrar उपपंजीयक के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए दिनाक व् समय निर्धारित किया जाता है I
- क्रेता विक्रेता अपने अनुसार दिनांक व समय निर्धारित करा सकते है I
Sub Registrar उपपंजीयक की प्रक्रिया -
निर्धारित समय व् दिनांक को क्रेता विक्रेता व दो गवाहों के साथ उपपंजीयक कार्यालय में अपने सेवा प्रदाता के साथ उपस्थित होते है, Sub Registrar द्वारा प्रोपर्टी के दस्तावेजो का परिक्षण कर सेवा प्रदाता द्वारा लिखी गई Deed का अवलोकन किया जाता है उसके पश्चात-
क्रेता - विक्रेता व गवाहों के Fingerprints Thumb Print मशीन से लेकर डिजिटल पेन से हस्ताक्षर कराये जाते है सभी की डिजिटल कैमरे से फोटो ली जाती है I
Collect Your Deed अपनी Deed प्राप्त करे -
अगले 7 से 10 दिनों के अन्दर अपने सेवा प्रदाता से मिलकर अपनी प्रोपर्टी की Registered Copy जिसे Registry कहते है प्राप्त करे I
Registry प्राप्त करने के बाद अगली प्रक्रिया नामांतरण Mutation की होती है तुरंत अपने तहसील कार्यालय जाकर करवाये क्योकि Registry मात्र से आपको Complete Ownership नहीं मिलती I
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Conclusion -
उम्मीद है आपको किसी भी नई प्रोपर्टी की Registry कैसे कराई जाती है समझ में आया होगा ,आपकी जिम्मेदारी है की सर्विस प्रोवाइडर द्वारा लिखी गई Deed को फाइनल करने से पहले ध्यान से पढ़े उसमे उल्लेखित सभी जानकारी जैसे नाम ,पता और जाती , प्रोपर्टी सम्बंधित जानकारी जैसे खसरा न० उसका रकबा यानि क्षेत्रफल , चारो सीमाए आदि, साथ ही प्रोपर्टी की कीमत एवं स्टाम्प ड्यूटी का उल्लेख यह सब ध्यान से पढ़कर Deed फाइनल करे I क्योकि एक छोटी सी त्रुटी के लिए आपको पुनः अपना समय और पैसा ख़राब करना पड़ेगा I
पोस्ट कैसा लगा Comment करके बताये तथा अपने सुझाव जरूर दे - धन्यवाद I
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