Stamps And Registration क्या है ?

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Stamps And Registration क्या है ?

    हम सभी को कभी न कभी किसी शासकीय कार्य या किसी निजी कम्पनी में दस्तावेजो के रूप में stamps या हलफनामा या deed बनवाने की जरुरत पड़ी होगी या फिर जब कोई नई प्रापर्टी खरीदी हो या बेंची होगी तो  registry करी होगी या जिन्हें नहीं पता है की stamps और registry और स्टाम्प शुल्क  क्या है हम Step by Steps पढ़ते है I

Introduction -

    अन्य सरकारी तंत्र के  जैसे भारत सरकार के  Commercial Tax Department ke Under  में Registration And Stamp Department  ( रजिस्ट्रेशन एवं स्टाम्प विभाग ) होता है जिसके माध्यम से दस्तावेजों के रजिस्ट्रीकरण की सुविधा निर्धारित शासकीय शुल्क के साथ  प्रदान की जाती है पूरे देश के अलग अलग राज्यों में इनके अलग अलग कार्यालय होते है जिन्हें महानिरीक्षक पंजीयक एवं उपपंजीयक कार्यालय  के नाम से जानते है -

    कई राज्यों में कार्यालय ई पंजीयक ई स्टाम्प , ई रजिस्ट्री के माध्यम से सबसे ज्यादा Revenue अर्जित करते है , Madhyapradesh में Stamp And Registration  Department  SAMPDA के माध्यम से  सबसे ज्यादा राजस्व अर्जित करने वाला विभाग है I

सम्पदा SAMPDA क्या है ?

    यह Stamp And Registration विभाग का Documents के रजिस्ट्रीकरण एवं स्टाम्प की वेब आधारित  Computerised सुविधा है , पंजीकृत SERVICE PROVIDER सेवा प्रदाता ई पंजीकृत दस्तावेजो की Digital हस्ताक्षर युक्त कापिया Download  एवं सर्च करने की सुविधा प्रदान करते है I 

Property का पंजियन कराना जरूरी क्यों है ?

जब भी कोइ प्रापर्टी ख़रीदा या बेंचता है या प्रापर्टी ट्रान्सफर होती है अर्थात एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति के नाम करता है तो तो स्टाम्प सरकार को टैक्स देना होता है यही टैक्स TAX stamps के माध्यम से दिया जाता है I और जब स्टाम्प के माध्यम से टैक्स दे दिया जाता है तो आप उस प्रॉपर्टी के अधिकारिक स्वामी हो जाते है I और यदि किसी भी प्रकार का प्रॉपर्टी विवाद होता है तो आप न्यायलय के सामने रजिस्टर्ड डॉक्यूमेंट प्रस्तुत कर सकते है I

    जैसे की - कोई व्यक्ति x एक प्रॉपर्टी  से खरीदता है इसके लिए उसे उस प्रोपर्टी के पैसे जो भी कीमत होगी x को देने होंगे उसके बदले में उसे वह प्रॉपर्टी मिल जाएगी किन्तु यह लेनदेन किसी पंजीकृत अधिकारी के समक्ष नहीं होगा और उसका टैक्स नहीं भरेगा तो वह प्रॉपर्टी अनलीगल होगी I उसके लिए उन्हें अपने जिले के उपपंजीयक कार्यालय में जाकर पंजीकृत विलेख कराना पड़ेगा I पंजीकृत विलेख करने के बाद आपकी प्रॉपर्टी लीगल हो जायेगी 

यदि प्रापर्टी सम्बंधित दस्तावेज खो जाते है और यदि हम उनका पंजियन करा चुके है तो पुनः उपपंजीयक कार्यालय से प्राप्त किये जा सकते है i

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Stamp / Registration Duty क्या है और कब लगती है?

        जब भी हम कोई Sell Deed क्रय-विक्रय , Registered Batwara या  Partition  के समय या दान पत्र के समय या किसी प्रापर्टी के अदलाबदली के समय या  किसी भी प्रकार की Lease Deed  के समय जो 12 महीने या इससे अधिक समय के लिए होती है के लिए उपपंजीयक कार्यालय में पंजीयन करते है जिससे हमारी प्रोपर्टी या डाक्यूमेंट्स लीगल हो जाये तो शासन को Tax Pay करना होता है जिसे ड्यूटी DUTY कहते है  i

Calculation स्टाम्प ड्यूटी गड़ना -

जैसा की ऊपर बताया है यह केंद्र सर्कार की योजना है -जिसे अलग अलग राज्यों में पालन कराया जाता है - एवं राज्य अपने हिसाब से अलग अलग नियम लागू कर स्टाम्प ड्यूटी लगते है जो सामान्यता 3% से लेकर 10% तक है I 

  • किसी भी लेन देन में दो पार्टी होती है एक विक्रेता Seller  और एक क्रेता Buyer होता है स्टाम्प ड्यूटी हमेसा क्रेता यानि  Buyer को देनी होती है 
  • स्टाम्प ड्यूटी इस बात पर निर्भर करती है की जिस स्थान  प्रापर्टी वह  क्षेत्र कैसा है अर्थात RURAL / URBAN  ग्रामीण या शहरी 
  • प्रॉपर्टी किस टाइप की है यानी RESIDENTIAL / FLAT / AGRICULTURE LAND / COMMERCIAL / INDUSTRIAL / FIRM / HOTEL है इस हिसाब से गड़ना शुल्क होगी 
  • कुछ राज्यों में क्रेता की उम्र , लिंग के आधार पर भी गड़ना होती है जैसे महिलाओ के लिए पुरुषो से कम, कही पर Senior Citizen कम ड्यूटी है 
  • रजिस्ट्रेशन चार्ज प्रापर्टी वैल्यू का 1% देना होता है 
  • Stamp Duty की गड़ना गाईड लाइन वैल्यू या मार्केट वैल्यू पर निर्भर करती है क्योंकि Registration  के समय जो अधिकतम होगी उस पर शुल्क की गड़ना होगी I

Market Value क्या है - 

    जैसा की बताया है स्टाम्प ड्यूटी इस बात पर निर्भर करती है की जिस स्थान र्प्रोपर्टी है वह  क्षेत्र कैसा है अर्थात RURAL  / URBAN ग्रामीण या शहरी उसके हिसाब से राज्य सरकारे एक गाइड लाइन तैयार करती है I जो हर साल घटती बढती रहती है इन्हें कलेक्टर रेट या गाईड लाइन वैल्यू  भी कहा जाता है I एवं प्रोपर्टी जिस स्थान पर है उस क्षेत्र में लोकल मार्केट की क्या कीमत है उसे Market Value  कहते है I

उदाहरण के लिए किसी प्रोपर्टी की गाइड लाईन वैल्यू  है - 20,00,000 रुपये 

एवं मार्केट वैल्यू है - 20,05,000 रुपये  तथा Registration शुल्क की दर 4% है तब  

STAMP DUTY = (20,05,000 x 4)/100 = 80200 रुपये  तथा इसके साथ ही REGISTRATION CHARGE प्रापर्टी वैल्यू का 1% देना होगा

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    स्टाम्प ड्यूटी अपने उपपंजीयक कार्यालय के किसी भी सेवा प्रदाता या स्टाम्प वेंडर के माध्यम से स्टाम्प पेपर खरीदकर पे कर सकते है , स्टाम्प पेपर क्रेता या विक्रेता किसी के भी नाम पर लिया जा सकता है I इसके आलावा Non Judicial Stamp Paper  या ई स्टाम्प पेपर के माध्यम से भी स्टाम्प ड्यूटी पे की जाती है I

Conclusion ( निष्कर्ष ) - 

    इस पोस्ट के माध्यम से हमने समझा की स्टाम्प एंड रजिस्ट्रेशन क्या होता है किसी भी प्रापर्टी का उपपंजीयक कार्यालय में पंजीयन करना क्यों जरूरी है , स्टाम्प शुल्क की गड़ना कैसे की जाती है , और ड्यूटी  देते कहा है और कैसे देते है I इससे सम्बंधित और कुछ जानना चाहते है या अपनी राय देना चाहते है तो पोस्ट Subscribe करे और टिपण्णी करे I



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