किसान रिकार्ड्स( ई-भूलेख ) vs ई-गवर्नेंस FARMER RECORDS (EBHULEKH) AND E GOVERNANCE

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FARMER RECORDS (EBHULEKH) AND EGOVERNANCE किसान रिकार्ड्स( ई-भूलेख )  ई-गवर्नेंस 

    भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ अधिकतर  आबादी कृषि पर आधारित है संक्षिप्त में इस कृषि कार्य को करने वाले को हम  किसान कहते है या दूसरे शब्दों में अन्नदाता कहते है  ये खाद्य सामग्री के   साथ साथ बागवानी , पशुपालन , मुर्गीपालन , मछली पालन का कार्य भी करते है I 

    किसान जिस जगह पर खेतीबाड़ी का  कार्य करते है उस भूमि को खेत कहते है  यह भूमि का एक उपजाऊ क्षेत्र होता है i यह क्षेत्र आवश्यकता नुसार उपजाऊ भूमि, बंजर भूमि या जलमग्न भूमि या कोई और  भूमि भी हो सकती है I

कृषक अभिलेख ( FARMER - RECORD )

    किसान जिस भूमि पर खेती करता है उस भूमि का स्वामी वह किसान होता है उस स्वामित्व के सम्बन्ध में कुछ दस्तावेज होते है जिन्हें अभिलेख या (RECORD)  कहते है जो निम्नलिखित है-

भूअधिकार एवं ऋण-पुष्तिका (पट्टा) , खसरा , खतौनी, नक्शा  

ebhulekhgyan me ap yah bhi padh sakte hai -

    यह वह दस्तावेज हैं जो उस भूमि से सम्बंधित शाशकीय दस्तावेज कहलाते है जिनका रख रखाव शासन करती है  I  शासन के जिस विभाग में इसे रखा गया है वह राजस्व विभाग कहलाता  है -राजस्व विभाग की संरचना  जानकारी  देखे 

    जिले में राजस्व विभाग विभाग का प्रमुख कलेक्टर होता है -एक जिले में कई अनुविभाग या उपखंड होते है  जिला या उपखंड  कई तहसीलों में- तहसील कई राजस्व मंडल में व - राजस्व मंडल कई हलको में बटा होता है I

इन सभी कार्य क्षेत्रो में राजस्व विभाग की ओर से किसान और कृषि भूमि और अन्य शाशकिय कार्यो के संपादन के लिए शाशकिय कर्मचारी होते है -

जैसे-

जिले में -  कलेक्टर

अनुविभाग या उपखंड में - एस.डी.एम (SDM) 

तहसीलों में- तहसीलदार

राजस्व मंडल में  - राजस्व निरीक्षक

 हलको में - पटवारी होता है I

 भारत देश के अलग अलग हिस्सों में ये नामावली व पदों के नाम अलग अलग हो सकते है उपरोक्त जानकारी मध्यप्रदेश के संदर्भ में  है I

    किसान अपने कृषि कार्यो के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार का कार्य करता है तो उसे अपनी भूमि सम्बन्धी अभिलेख की आवस्यकता पड़ती है .. जैसे किसान क्रेडिट कार्ड , अपनी ही भूमि पर किसी प्रकार का निर्माण या फर्म की सुरुवात , किसी भी प्रकार के भूमि सम्बन्धी क्रय विक्रय , किसी भी शाशकिय योजना का लाभ जैसे प्रधानमंत्री सम्माननिधि या अन्य कोई योजना I यदि किसान के पास उसका अभिलेख नहीं है या त्रुटी पूर्ण है तो कई सारी समस्याये होती है I

    पहले के समय में किसानो को इन सभी कार्यो और दस्तावेज के लिए जिले  व्  तहसीलों के चक्कर लगाने पड़ते थे किन्तु आज के दौर में जिसे डिजिटल युग ( DIGITAL ) कहते है किसान की सभी समस्यायों का निराकरण कर दिया है . जमीन से सम्बंधित अभिलेखों को ऑनलाइन कर दिया गया है , घर पर ही बैठे बैठे मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से अपनी भूमि या भूमि सम्बन्धी दस्तावेज के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है I और  computerized अभिलेख को ई-भूलेख कहते है  

कुछ आवश्यक राजस्व इन्टरनेट साइट्स निम्नलिखित है जो e governance  के सिद्धांत के आधार पर सेवाए प्रदान करती है 

राजस्व की मुख्य e governance पोर्टल

   किसान भाइयो व् आम नागरिको के लिए ये मेरा पहला पोस्ट है  . जिसका उद्देश्य केवल और केवल किसानो को राजस्व सम्बन्धी जानकारी  से अवगत करना है I 

    अगली पोस्ट में  - भूअधिकार एवं ऋण-पुष्तिका (पट्टा) क्या है , इसका उपयोग कैसे होता है , कैसे प्राप्त कर सकते है I

या मुझे कमेंट करे सुझाव लिखे - और शेयर करे 

मुझे मेल भी कर सकते है -rajgroups08@gmail.com


    

Comments

  1. किसानों को उसके अभलेख के बारे में जानकारी से अवगत करवाने का प्रयास करूंगा

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  2. आम आदमी और किसानों के हित के लिए बहुत ही उपयोगी जानकारी धन्यवाद।

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    1. बहुत बहुत धन्यबाद आगे और प्रयास करूँगा ......

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  3. Nice shahab . Keep it up. It's good intative for increase knowdege of for farmer as well as others

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  4. महत्वपूर्ण जानकारी लोगों तक पहुंचने के लिए धन्यवाद
    - मनीष पटवारी

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  5. बहुत अच्छा अनुभव मिला....
    धन्यवाद पटवारी जी🙏

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  6. Aam aadmi or kishano ke liye Bahut hi badhiya hoga....

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